Names: Kalonji, Cheveux de Vénus, Black Cumin, Fitches, Habba Sauda, Habb al-barka, Kalonji, Kalounji, Kalonji, Kalvanji, Karijirige, Kalvanji, Kalaunji Jire, Kalonji Jeeru, Mota Kalajira, Mugrela, Nigelle, Nigella Sativa, Nigella sativa Linn, Pei hei zhong cao, Shooneez, Schwarzkümmel, Siah Dana, Upakunchika
Other Names: Beej Kalonji, Kalonji Beej, Kalonji Seeds, Kalaunji Seeds, Seeds Kalonji
Form: Dried Raw Herb, Seeds
Kalonji (कलोनजी)
- कलोनजी में इतने गुण होते है की यह हर मर्ज़ की दवा है। कलोनजी में अयरन, सोडीयम, कलसियम, पोटसियम और फ़ाइबर होता है। यह एमिनो एसीड और प्रोटीन से भरपूर है यही वजह है कि आयुर्वेद में इसका प्रयोग सदियो से होता आ रहा है।
- कलोनजी को सुभे ख़ाली पेट गुनगुने पानी से साथ खाए तो डायबिटीज और एसिडिटी से राहत मिलती है।
- कलोनजी में ऐंटीआक्सिडंट होते है जो कि केंसर जैसी बीमारी से सुरक्षा प्रदान करते है।
- कलोनजी ख़ून में विषाक्त पदार्थों को साफ़ करने का काम करता है सुबह ख़ाली पेट इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
- कलोनजी की राख को ऑलिव ओईल में मिलाकर मसाज करने से नए बाल आना शुरू हो जाते है।
- कलोनजी का उपयोग मुहासे, त्वचा के फोड़े–फुंसी और शुष्क त्वचा को दूर करने के लिए भी यह फोड़े और कील–मुँहासे को जन्म देने वाले बैक्टीरीया से लड़ती है और त्वचा को साफ़, सुथरी और चमकदार बनाने में मद्द करती है। इसका प्रयोग करने से चेहरे के दाग़–धब्बे मिट जाते है और आपके त्वचा युवा और उज्जवल दिखायी देती है।
- शहद और कलोनजी का पेस्ट बनाकर आधे घणटे के लिए अपनी त्वचा पर लगाए। धोने के बाद आपको अपनी त्वचा में 1 अलग ही चमक दिखाई देगी। मुँहासे जैसी समस्या के लिए कलोनजी और सेब के सिरके को मिलाकर पेस्ट बनाए। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाए और 10-15 मिनट के बाद धो ले।
- शुबक त्वचा की समस्या के लिए कलोनजी के बीज का पाउडर और तिल के तेल को मिलाकर एक पेस्ट बना ले। चेहरे पर इस पेस्ट को लगाए। 10-15 मिनट पसचात धो ले।
- कलोनजी का उपयोग याददाश शक्ति और एकागरता को बढ़ाने के लिए किया जाता है इसके साथ इसका प्रयोग सतर्कता को बढ़ाने में किया जाता है।
- कलोनजी के साथ शहद मिलाने पर यह याददाश बढ़ाने में मदद करता है।
- अगर इसे गर्म में पिया जाए, तो यह बच्चों और युवाओं में अस्थमा जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है।
- कलोनजी ट्यूमर के विकास को रोकते है और ब्रेस्ट कैन्सर के ख़तरे को कम करते है।
- प्रसव के बाद माँ शारीरिक और मानसिक कमज़ोरी, सुस्ती, थकावट और ख़ून भने की समस्याएँ महसूस करती है। प्रसव के बाद 15ml कलोनजी से बने काढ़े को ख़ाली पेट 2-10 दिन के लिए माँ को दिया जात है। यह प्रसव के बाद के संक्रमण से लड़ने और माँ की आंतरिक प्रणाली को मज़बूत करने के लिए दिया जाता है।
- कलोनजी के बीज किड्नी के स्वास्थय में सुधार करता है। गुर्दे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जोकि रक्त को शध करने में मदद करते है।
- कलोनजी को गर्म करके पीस ले और कपड़े में बांध्क्र सूँघने से सिर का दर्द दूर होता है।
- 0.5-1g कलोनजी को पीसकर रोगी को देने से शरीर का ठंडापन दूर होता है और नाड़ी की गति तेज़ हो जाती है।
- 1g पिसी कलोनजी शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है। कलोनजी का चूरन 3g मक्खन के साथ लेने से हिचकी में लाभ होता है।
- कलोनजी का चूरन को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते है।
- कलोनजी 10g को पीसकर 3 चम्मच शहद के साथ रात को सोते समय लेने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते है।
- पिसी हुई कलोनजी 0.5 चम्मच और एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है।
- 50g कलोनजी को 1l पानी में उबाल ले और इस पानी से बालों को धोए। बाल लम्बे व घने होते है।
- कलोनजी, ज़ीरा, अजवाइन को बराबर मात्रा में पीसकर 1 चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद लेने से पेट की गेस दूर होती है।
- कलोनजी पीसकर लेप करने से हाथ पीरो की सूजन दूर होती है।
- कलोनजी को 0.5 से 1 g की मात्रा में प्रतिदिन सुबह–शाम खाने से माँ का दूध बढ़ता है।
- 50g कलोनजी को पीस ले और इसमें 10g बिल्व के पत्तों का रस व 10g हल्दी मिलाकर लेप बना ले। यक लेप खाज–खुजली में प्रतिदिन लगाने से रोग ठीक होता है।
- कलोनजी को पीसकर सधने से छींको में आराम मिलता है।
- 0.5-1.5g कलोनजी के चूरन का सेवन करने से मासिक धर्म नियमित समय पर आने लगते है।
- कलोनजी का सेवन करते समय नींबू को न खाए।