Names: Albahaca, Apetarakshasi, Arabic Falooda, Bhuteshta, Bhutaghini, Basilic, Basil Icum, Basil, Basilïenkraut, Basilico, Belanoi, Bazilik, Basilkort, Bai Horapa, Bahumanjari, Bhutaghni, Basilic Cultive, Basilien Kraut, Ban Tulsi, Devadundubhi, Falooda, Gouri, Gramya, Gauri, Holy Basil, Horopa, Hazbo, Holy Tulsi, Indian Basil, Krsiatulasi, Krishan Tulsi, Kemangi, Krapow, Krishna Tulsi, Lo-le, Mal-tulasi, Meboki, Man Jericao, Maduru-tala, Manghk, Manjari, Nagamata, Nalla Thulasi, Ocimum Basilicum, Ocimum Sanctum, Raihan, Rau Que, Surasah, Sacred Basil, Selasih, Selaseh, Sulasi, Suwenda-tala, Surasa, Sulabha, Sabja, Sabja Ginjalu, Selashi Tukmaria, Sabja Vethai, Sweet Basil, Shyama Tulsi, Tulsi, Tulasi, Tukmaria, Tukhm Balanga, Tukhmalanga, Tukh Malanga, Tukmalanga, Tusli, Thai Holy Basil, Tuk Malanga, Trittavu, Tulshi, Thulsi
Other Names: Arabic Falooda Seeds, Ban Tulsi Seed, Basil Seeds, Beej Krishan Tulsi, Beej Tulsi, Basil Seed, Holy Tulsi Beej, Holy Tulsi Seeds, Holy Basil Seeds, Krishan Tulsi Seeds, Krishna Tulsi Seeds, Sabja Seeds, Sweet Basil Seeds , Seeds Tulsi, Tukmaria Seed, Tukmaria Moti, Tukmaria Small, Tukmaria Choti, Tulsi Beej, Tukh Malanga Beej, Tukhmalanga Seeds, Tukmalanga Seeds, Tulsi Seeds, Tulsi Seeds, Tulsi Patta Powder, Tulsi Leaves Powder
Form: Dried Raw Herb, Seeds, Leaves Powder
Tulsi Powder (तुलसी पाउडर)
- तकलसी भारत में सबसे पवित्र जड़ी बूटी मानी जाती है और ‘जड़ी बूटीयो की रानी’ भी कहलाती है तुलसी शब्द का अर्थ है ‘अतुलनीय पोधा’।
- तुलसी एक अत्यधिक सुगंधित जड़ी बूटी है जो सबसे अधिक खाना पकाने में मसाले के रूप में प्रयोग की जाती है लेकिन यह अपने विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए भी काफ़ी लोकप्रिय है। तुलसी के पत्तों में कई रासायनिक योगिक (chemical compounds) है जो बीमारी को रोकने और स्वास्थ्य को बढ़ाने में उपयोगी है।
- यह कम केलोरी वाली जड़ी बूटी ऐंटीआक्सिडंट, जलन और सूजन कम करने और जीवनुरोधी गुनो से समृद्ध है। इसके अलावा यह विटामिन ए, सी और के, मैग्नीज, ताम्बा, केलचिम, आयरन, मैग्नीज़ीयम और ओमेगा-3 फेट्स जैसे पोषक तत्वों से परिपूर्ण है। यह सभी पोषक तत्व पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत हाई अच्छे है।
उपयोग–
- तुलसी एक घरेलू ओश्ध्दी है। 0.5 चम्मच तुलसी के पत्तों का पाउडर और पाँच लोगों 1 कप पानी में डाले और दस मिनट के लिए इसे उबाल ले। इसमें स्वाद के संसार नमक भी डाल सकते है। इसे ठंडा होने दे और फिर खाँसी में राहत के लिए इसे पी ले।
- तुलसी के पत्ते बुखार और जुखाम के इलाज में इस्तेमाल लिए जा सकते है। सर्दी और जुखाम से राहत के लिए तुलसी पाउडर, अदरक, काली मिर्च की दूध वाली चाय पीने से बहुत आराम मिलता है।
- तीव्र बुखार में तूसली पाउडर को 1 कप पानी में इलायची पाउडर के साथ उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में किई बार पिए।
- तुलसी की पत्तियों तनाव को भी कम करती है। तुलसी ऊर्जा और ध्यान बढ़ाने के लिए भी कम करती है। तकसि आपके शरीर के रक्त को भी शुद्ध करती है।
- तुलसी का उपयोग श्वसन संबंधी विकारों के इलाज के लिए भी किया जाता है, अस्थमा उन्मे से एक है। यह अन्य समस्याओं जैसे– बरोंकाइट्स और फेफड़ों के संक्रमण का इलाज करने में मद्द करती है। तुलसी शरीर में संक्रमण से लड़ने वाली ऐंटीबाडी के उत्पादन में 20% तक की वृद्धि करते है।
- तुलसी मौखिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है। यह बुरी साँस, पायरिया और विभिन्न मसूड़ों की बीमारियों से लड़ने में मद्द करती है।
- सरसों के तेल में तुलसी पाउडर को मिलाकर एक प्राकरतिक टूथ्पेस्ट भी बना सकते है। इसका इस्तेमाल बुरी साँस से छुटकारा पाने के लिए अपने मसूड़ों की मालिश के लिए भी कर सकते है।
- यह जड़ी बूटी मुँहासो को रोकती है और मुँहासों के गाँवों की चिकित्सा प्रक्रिय को तेज़ करती है। तुलसी त्वचा से बेक्टरिया को हटाने में मद्द करती है।
- तुलसी सिर दर्द के लिए एक अच्छी दवा है क्यूँकि यह मांसपेशियो को आराम देती है। तुलसी ओर च्न्द्न के पेस्ट को माथे पर लगाने से तुरंत तनाव और तंग मांसपेशियो की वझ से हो rhe दर्द से राहत मिलती है। एक दिन में 2 बार tतुलसी की चाय पी सकते है। तुलसी की चाय बनाने के लिए 1 कप उबलते पानी में थोड़ा सा तुलसी पाउडर डाल दे और कूच मिनट के लिए रहने दे। फिर चाय छान ले। चाय आराम से पिए और सिर का दर्द धीरे–धीरे ग़ायब हो जयेगा।
- तुलसी एक डीटोक्सिफायर और हल्के मूत्रवर्धक होने की वझ से शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मद्द करता है। तुलसी पेशाब के माध्यक से गुर्दे को साफ़ करने में भी मद्द करता है।
- तुलसी में फ़ाइटोकेमिकलस होते है, जो प्राकृतिक रूप से त्वचा केंसर, लिवर केंसर, मोशिक केंसर और फेफड़ों के केंसर को रोहने में मद्द करता है। तुलसी एंटीयोक्सिडेंट्स को बढ़ाता है और केंसर ट्यूमर को फ़ेलने से रोकता है।
फ़ेस पेक
- 1 चम्मच तुलसी पाउडर में आधक चम्मच दही में मिला कर घोल बना ले। यह घोल चेहरे पर लगाए और सूखने के लिए छोड़ दे। ठंडे पानी से धो ले।
- 2 चम्मच तुलसी पाउडर, 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी, 1 चम्मच चंदन पाउडर, 4-5 बूँद गुलाब जल, 4-5 बूँद ज़ैतून का तेल, थोड़ा सा पानी। इन सबका घोल तैयार करे। यह पेस्ट चेहरे पर लगाए। 0.5 घंटे के पश्चात ठंडे पानी से धो ले। यह पेक हर तरह की त्वचा के लिए लाभकारी है।
- 1 चम्मच तुलसी पाउडर, 1 चम्मच नीम पाउडर, 2 लौंग लेकर पेस्ट तैयार करे। लौंग को पीस ले। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाए। 0.5 घंटे बाद ठंडे पानी से धो ले।
- 1 चम्मच तुलसी पाउडर को 0.5 चम्मच दूध मिलाकर चेहरे पर लगाए। 20 मिनट बाद चेहरे को सादे पानी से धो ले। इस पेक से त्वचा गोरी होती है तथा उसमें चक आती है। लेक्टिक एचिड और तुलसी त्वचा को चमकदार बनाती है। यह हर प्रकार की त्वचा के लिए उपयोगी है।
- 1 चम्मच तुलसी पाउडर, 1 टमाटर को गुड लेकर मिक्स करे। इस फ़ेस पेक को चेहरे पर लगाय। 15 मिनट बाद जब सूख जाय तब सादे पानी से धो ले। इस पेक से चेहरे के मुँहासे और एक्ने दूर हो जाएँगे। तथा आपकी त्वचा में नयी चमक आ जाएगी।
- 2 चम्मच तुलसी पाउडर, 1 चम्मच चंदन पाउडर, थोड़ा सा गुलाब जल, 3-4 बून ज़ैतून का तेल ले। इन सबको मिक्स करके पेक तैयार करे। इस पेक को चेहरे पर लगाए। 20-25 मिनट बाद तंडे पानी से धो ले। इस पेक का प्रयोग करने के बाद आप सारा दिन काफ़ी तरोताज़ा महसूस करेंगे।
- तुलसी पाउडर का प्रयोग आँवला, रीठा, शिककाई के साथ शेमपू बनाने में भी किया जाता है।